नाम उसका हुआ नहीं होता
गर वो गिर कर उठा नहीं होता
फैसला वर्षों बाद आए तो
न्याय वो न्याय नहीं होता
दुश्मनी उनसे मोल ले ली पर
ख़त्म ये सिलसिला नहीं होता
अक्स सच्चा दिखा न पाता तो
आइना, आइना नहीं होता
शायरी ऐसा ख़्वाब है जिसमें
कोई छोटा बड़ा नहीं होता
होती मेरी ग़ज़ल मुकम्मल गर
बेतख़ल्लुस लिखा नहीं होता
शुक्रवार, 26 जून 2009
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फैसला वर्षों बाद आए तो
जवाब देंहटाएंन्याय वो न्याय नहीं होता
अक्स सच्चा दिखा न पाता तो
आइना, आइना नहीं होता
बहुत खूब
सादगी और सच्चाई से भरी गजल
सार्थक पोस्ट के लिए मुबारकबाद कबूल करें !
कृपया वर्ड वैरिफिकेशन की उबाऊ प्रक्रिया हटा दें !
लगता है कि शुभेच्छा का भी प्रमाण माँगा जा रहा है।
इसकी वजह से प्रतिक्रिया देने में अनावश्यक परेशानी होती है !
तरीका :-
डेशबोर्ड > सेटिंग > कमेंट्स > शो वर्ड वैरिफिकेशन फार कमेंट्स > सेलेक्ट नो > सेव सेटिंग्स
आज की आवाज
waah waah !
जवाब देंहटाएंbadhaai !
wah wah
जवाब देंहटाएंboht hi sunder likhte hai aap....sach me ayna ayna nahi hota agar jhuthh bolta...
जवाब देंहटाएंफैसला वर्षों बाद आए तो
जवाब देंहटाएंन्याय वो न्याय नहीं होता
दुश्मनी उनसे मोल ले ली पर
ख़त्म ये सिलसिला नहीं होता
अक्स सच्चा दिखा न पाता तो
आइना, आइना नहीं होता
बहुत ही लाजवाब शेर हैं.............ग़ज़ल शानदार है
बेहतर गज़ल...
जवाब देंहटाएंरंग-चयन की वज़ह से पढने में थोडा तकलीफ़ हुई...
शुभकामनाएं....
अच्छी रवानगी है।
जवाब देंहटाएंnarayan narayan
जवाब देंहटाएंहिंदी भाषा को इन्टरनेट जगत मे लोकप्रिय करने के लिए आपका साधुवाद |
जवाब देंहटाएंआप सब की उत्साह वर्द्धक प्रतिक्रियाओं के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। प्रकाश गोविंद जी, आपके सुझाव के मुताबिक परिवर्तन कर रहा हूँ। आपके रचनात्मक सुझाव के लिए विशेष धन्यवाद। रवि कुमार जी, आइंदा रंग चयन को भी बेहतर करने का प्रयास करूँगा। आशा है आप सबका स्नेह इसी प्रकार बना रहेगा।
जवाब देंहटाएं-भूपेन्द्र
बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंसंगीता जी, आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद।
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