दिनांक 2 सितंबर, 2009 को सुबह-सुबह जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री राजशेखर रेड्डी का हेलीकॉप्टर सुबह 9:30 बजे से एटीसी के रडार से गायब हो गया और पूरे दिन राज्य सरकार और केंद्र सरकार के अथक प्रयासों के बावजूद जब मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर का कुछ भी पता नहीं चला तो शाम होते होते लोगों को दुश्चिंताओं ने घेर लिया तथा लोगों ने मुख्यमंत्री महोदय के सकुशल होने के लिए प्रार्थना करनी शुरू कर दी। यह प्रार्थना केवल आंध्र प्रदेश के कांग्रेसी कार्यकर्ता नहीं कर रहे थे बल्कि मुख्यमंत्री की सलामती के लिए प्रार्थना करने वालों में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित सभी संप्रदायों व वर्गों के लोग शामिल थे। सभी एक ही स्थल में मौजूद होकर अपनी-अपनी तरफ से अपने इष्ट से रेड्डी जी के लिए प्रार्थना कर रहे थे। पहले तो यह देखकर अच्छा लगा कि सब धर्म के लोग एक ही स्थान पर एक ही काज के लिए एक साथ प्रार्थना कर रहे है। प्रार्थना कर रहे किसी भी समुदाय के व्यक्ति के लिए मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा और चर्च की आवश्यकता नहीं थी। तो प्रश्न यह उठता है कि यदि सभी का लक्ष्य एक है, सभी के ईश एक है तो फिर मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारों, चर्च की जरूरत ही क्या है। दूसरी बात क्या केवल दु:ख पड़ने पर ही हम एक साथ एक कार्य के लिए इकट्ठे हो सकते है अन्यथा इतना अहं भरा है हममें कि सामान्य परिस्थितियों में हम सब इकट्ठे नहीं हो सकते है। यदि सामान्य परिस्थितियों में इकट्ठे होते भी है तो इसके लिए मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारा और चर्च का होना आवश्यक है। विचारणीय बात यह है कि दु:ख पड़ने पर तो सबका एक होना मानव का स्वभाव है परंतु यदि हममें सच्चे अर्थों में मानवीय मूल्यों का विकास करना है तो इसके लिए सभी धर्मों के लोगों को सुख में भी आपसी भेदभाव भूलकर एक दूसरे के साथ मिलजुलकर रहना होगा अन्यथा दु:ख में एक होना तो महज एक तात्कालिक एकता होगी। अत: सुख में एकता का प्रदर्शन करना ही वास्तविक और स्थाई एकता है इसलिए दु:ख से अधिक सुख में साथ-साथ सुमिरण करने की आवश्यकता है। जिससे सबका भला हो और सब साथ-साथ रहें।
जरा सोचे, विचारे फिर व्यवहार में लावें।
दिवंगत माननीय मुख्यमंत्री जी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि।
विनोद राय
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बहुत अच्छी श्रद्धांजलि है। मैं भी आपके मत से सहमत हूँ।
जवाब देंहटाएंif all have equal good n even understanding then how can u teach them n where will be d scope fr improvement . people are like that in general .
जवाब देंहटाएंany way your idea n suggestion is very novel n inspiring to common people .